कृषि विभाग, उत्तर प्रदेश 1875 में स्थापित किया गया था। प्रारम्भ में विभाग का कार्य केवल कृषि संबन्धी आँकड़े संकलित करने तथा कुछ आदर्श फार्म स्थापित करने तक सीमित था। वर्ष 1880 में इसे भूमि अभिलेख विभाग से सम्बद्व किया गया। गवर्नमेंट ऑफ इण्डिया एक्ट 1919 के पारित होने के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा कृषि नीति प्रतिपादित किये जाने के फलस्वरूप उत्तर प्रदेश कृषि विभाग को दिनॉक 1.12.1919 से एक स्वतन्त्र विभाग बनाया गया और कृषि विशेषज्ञ को निदेशक के पद पर नियुक्त किया गया।
उत्तर प्रदेश पुर्नगठन अधिनियम 2000 के अधीन 9 नवम्बर 2000 से उत्तराखण्ड राज्य के अस्तित्व में आने के साथ ही साथ उत्तराखण्ड कृषि विभाग का पुर्नगठन उत्तराखण्ड शासन की अधिसूचना संख्या-956 दिनॉक 2.8.2003 से हुआ। इस प्रकार उत्तराखण्ड शासन ने कृषि विभाग के पुर्नगठन में 2609 पदों का सृजन किया।